हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों को मिलेगी मौत की सजा, विधानसभा ने विधेयक पारित किया | प्रावधान देखें

हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों को मिलेगी मौत की सजा, विधानसभा ने विधेयक पारित किया | प्रावधान देखें

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने संगठित अपराधों को लक्षित करने वाले कड़े प्रावधानों वाला विधेयक पारित किया। विधेयक में नशीली दवाओं के अवैध व्यापार, तस्करी, अवैध खनन और मानव तस्करी समेत अन्य शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ कड़े प्रावधानों वाला विधेयक पारित किया। विधेयक में राज्य में नशीली दवाओं के तस्करों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।

नशे की लत में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए दो विधेयक पारित किए गए। इनमें हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध रोकथाम एवं नियंत्रण विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित किया गया।

इसमें न केवल आजीवन कारावास बल्कि नशीली दवाओं के सौदागरों के लिए मौत की सजा का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को इसे सदन में पेश किया।

शुक्रवार को इस पर चर्चा हुई और इसे पारित कर दिया गया। इसमें 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश ऐसा प्रावधान करने वाला पहला राज्य बन गया है।

विधेयक पर चर्चा के जवाब में सीएम सुखू ने कहा कि सरकार कानून को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में बढ़ते नशे के खतरे को देखते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। सीएम सुखू ने कहा कि भविष्य में इसे और अधिक कठोर बनाने के लिए इसमें संशोधन भी किया जा सकता है। इससे पहले भाजपा विधायक त्रिलोक जामवाल ने विधेयक को राज्य सरकार की अच्छी पहल बताया। विधेयक में प्रावधान अगर कोई व्यक्ति नशे की लत पैदा करने वाली किसी भी दवा का परिवहन, आपूर्ति और उसे अपने पास रखता हुआ पाया जाता है तो उसे इस विधेयक के तहत सजा दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के अलावा अवैध खनन, वन्यजीव तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेज, मानव अंग तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग और बौद्धिक संपदा की जालसाजी के मामले में भी सजा का प्रावधान है। संगठित अपराध गिरोह या सिंडिकेट का कोई भी सदस्य अगर हिंसा करता है और किसी की मौत का कारण बनता है तो उसे मौत की सजा का भी प्रावधान है। गिरोह के सदस्यों द्वारा नशे या अन्य अवैध तरीकों से अर्जित की गई संपत्ति जब्त की जाएगी। विधेयक के तहत सरकार को ऐसी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होगा। विधेयक के एक प्रावधान के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 500 मीटर के दायरे तक तंबाकू या अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले 100 मीटर के दायरे में ऐसे पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध था।

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